अध्याय 237

वायलेट

जैसे ही उजाले की सुबह की धूप मुझ पर पड़ी, मेरे होंठों से एक हल्की कराह निकल गई। मेरा हाथ सबसे पहले मेरे बगल में खाली जगह की ओर बढ़ा, और फिर मैंने कमरे में हल्के कदमों की आहट सुनी।

मुझे पता था कि वह काइलन था, और मुझे यकीन था कि वह मुझे जगाने की कोशिश नहीं कर रहा था। जिज्ञासावश, मैंने एक आंख ख...

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